पटना, वरीय संवाददाता: शिक्षा जगत में दस वर्षों बाद बीएड कोर्स में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने एक वर्षीय बीएड कोर्स को मंजूरी दे दी है। 2014 में बंद किया गया यह कोर्स अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों के अनुसार नए नियमों और शर्तों के साथ फिर से शुरू होगा।
एक वर्षीय बीएड कोर्स: योग्यता और अवधि
2025 से छात्र-छात्राएं एक वर्ष में बीएड पूरा कर सकेंगे। यह कोर्स उन विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होगा जिनकी या तो चार वर्षीय स्नातक डिग्री है या फिर वे स्नातकोत्तर करने के बाद इस कोर्स के लिए योग्य होंगे।
एनसीटीई की गवर्निंग बॉडी की बैठक में बीएड सहित कई टीचिंग कोर्सों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसके साथ ही नए गवर्निंग रेगुलेशंस 2025 को लागू करने की मंजूरी भी दी गई, जो 2014 के पुराने रेगुलेशंस की जगह लेंगे।
चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP)
वर्तमान में भारत में 64 शिक्षण संस्थानों में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) चल रहा है। बिहार में यह चार वर्षीय बीएड कोर्स चार शैक्षिक संस्थानों में संचालित होता है।
अब ITEP में नई स्पेशलाइज्ड स्ट्रीम्स भी जोड़ी जाएंगी, जैसे:
- ITEP योगा एजुकेशन
- ITEP शारीरिक शिक्षा
- ITEP संस्कृत
- ITEP परफॉर्मिंग आर्ट एजुकेशन
इस प्रकार यह कोर्स छात्रों को अधिक विकल्प और विशेषज्ञता प्रदान करेगा।
दो वर्षीय बीएड और फीस में बदलाव
पटना विश्वविद्यालय के प्रो. खगेन्द्र कुमार के अनुसार, बिहार में लगभग साढ़े तीन सौ बीएड कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
- दो वर्षीय बीएड में छात्रों को डेढ़ से दो लाख रुपये तक फीस देनी पड़ती थी।
- एक वर्षीय बीएड होने पर फीस कम होगी, खासकर सरकारी कॉलेजों में।
इसके अलावा, प्रो. कुमार ने बताया कि दो वर्षीय बीएड कोर्स 2030 तक पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
भविष्य की योजना
एनसीटीई ने 2024 से दो वर्षीय बीएड कोर्स की नई मान्यता देना बंद कर दी है। इसके साथ ही 2030 तक पुराने दो वर्षीय कोर्स को समाप्त कर दिया जाएगा।
- चार वर्षीय बीए-बीएड और बीएससी-बीएड पाठ्यक्रम नए एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम में परिवर्तित होंगे।
- इससे भविष्य में शिक्षक शिक्षा में एकरूपता और गुणवत्ता में सुधार होगा।
निष्कर्ष: 2025 से एक वर्षीय बीएड कोर्स छात्रों के लिए नई अवसर और कम फीस के साथ लौट रहा है। यह कदम शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

